Hindi stories for reading (April, 2023)
Hindi stories for reading 2023, हमे जब जीवन में कोई शिक्षा मिलती है. हमे उसके बारे में ज्ञान हो जाता है. (read hindi story) उसके बाद हमारा निर्णय बहुत अच्छा होता है. क्योकि जीवन में जब भी शिक्षा मिलती है. हमे सही रास्ता नज़र आने लगता है. यह कहानी एक लड़के की है. जिसे लगता था. यह शिक्षा (education) हमारे काम नहीं आती है. इसलिए वह स्कूल नहीं जाना चाहता था.
जीवन की शिक्षा हिंदी कहानी :- Hindi stories for reading (April, 2023)
मगर यह अच्छी बात नहीं है. जब हमे शिक्षा मिलती है. हमे उसे ग्रहण करना चाहिए. क्योकि वह हमारे जीवन में बहुत काम आती है. मगर जिस लड़के का नाम महेश है. उसे यह बात कहा समझ आने वाली थी. उसे लगता था. “शिक्षा” से कोई फर्क नहीं पड़ता है. इसलिए जब भी महेश के माता पिता उसे समझने की कोशिश करते है. वह किसी की भी बात नहीं सुनता है. वह खेलने चला जाता है.
खेल उसे बहुत अच्छा लगता है :-
महेश को खेलना बहुत अच्छा लगता है. क्योकि उसे पता है. यह खेल उसे बहुत अच्छा लगता है. मगर उसे “शिक्षा” अच्छी नहीं लगती है. महेश को स्कूल में क्लास से बाहर खड़ा किया गया था. वह हमेशा बाहर ही खड़ा रहता था. क्योकि वह कभी भी क्लास में काम करके नहीं लाता था. इसलिए टीचर उसे सजा देते थे.
बहुत बार टीचर ने उसके माता पिता को बुलाया था. मगर महेश ने कभी भी घर में यह बात नहीं बताई थी. उसे लगता था. उन्हें बताने से उसके बारे में पता चल सकता था. इसलिए वह कभी भी उन्हें स्कूल में क्या चल रहा है. यह बताना नहीं चाहता था. वह math के टीचर महेश के पास आते है. उससे कहते है. यह क्या हो रहा है. तुम्हे अपनी “शिक्षा” पर ध्यान देना चाहिए. मगर तुम क्या कर रहे हो.
तुम पढ़ना नहीं चाहते हो :-
तुम्हे कुछ पता है. तुम आज भी math में अच्छा नंबर नहीं लाये हो. मुझे लगता है. तुम पढ़ना नहीं चाहते हो. मुझे बहुत गुस्सा आ रहा है. मगर तुम्हे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है. तुम्हे बहुत बार समझाया गया है. मगर तुम्हे समझना नहीं है. महेश सुन रहा था. वह कुछ नहीं कहता है. क्योकि उसे पता है. वह समझकर क्या कर सकता है. टीचर कहते है. तुम्हे कल अपने माता पिता को बुलाना होगा.
अगर तुम उन्हें नहीं बुलाते हो. तो तुम्हे स्कूल में आने की जरूरत नहीं है. अब महेश सोचता है. उसे क्या करना है. क्योकि अगर वह उन्हें नहीं कहता है. उसके बाद वह स्कूल नहीं जा सकता है. यह बात उसे समझ आ गयी थी. वह घर जाता है. मगर कुछ नहीं कहता है. वह सोच रहा था. शायद उसे रास्ता मिल सकता था. शाम को पिता आते है. वह देखते है. आज महेश चुप बैठा है. जरूर कोई बात हो सकती है.
शिक्षा बहुत जरुरी हो गयी है :-
वह महेश के पास जाते है. उससे पूछते है. क्या हुआ है. आज बहुत शान्ति नज़र आ रही है. तुम्हे क्या हुआ है. महेश कहता है. कुछ नहीं. वह कहता है. मुझे अब पढ़ना है. यह सुनकर पिता कहते है. आज तुम पढ़ाई की बात कर रहे हो. तुम्हारे लिए “शिक्षा” बहुत जरुरी हो गयी है. यह सब कुछ कैसे हुआ है. महेश पढ़ने बैठ जाता है.
महेश जानता था. अगर वह पढ़ना शुरू नहीं करता है. तो उसे स्कूल में रोज सजा मिलती है. घर पर भी बात आने वाली है. कोई रास्ता नज़र नहीं आ रहा था. उसके बाद महेश सो जाता है. पिता महेश को देखने आते है. वह देखते है. महेश सो रहा है. उसके पास एक कॉपी रखी है. वह उसे देखते है. उसमे कुछ लिखा था. शायद यह टीचर ने लिखा था. उसे पढ़कर बात समझ आयी थी.
अपनी पढ़ाई पर ध्यान नहीं दे रहा है :-
पिता उस कॉपी को लेकर अपनी पत्नी के पास जाते है. वह पढ़ती है. अब उन्हें भी समझ आ गया था. उस कॉपी में लिखा था. महेश अपनी पढ़ाई पर ध्यान नहीं दे रहा है. उससे रोज कहा जाता है. मगर वह अपनी स्टडी पर ध्यान नहीं देता है. हमने महेश को बहुत बार कहा था. वह अपने माता पिता को बुलाये. मगर उसने कभी भी आपको यहां पर नहीं बुलाया है. इसलिए हमने महेश की कॉपी में लिख दिया है.
अगर महेश कल अपने माता पिता को नहीं लाता है. उसे स्कूल आने नहीं दिया जाएगा. अब बात समझ आ गयी थी. मगर महेश के पिता कहते है. मुझे लगता है. महेश बात को समझ गया है. वह अपनी स्टडी पर ध्यान दे रहा है. मगर उसे “शिक्षा” का मूल्य नहीं पता है. यह “शिक्षा” उसके बहुत काम आ सकती है. जब यह बात उसे पता चल जाती है. उसे बहुत फायदा होगा.
सुबह हो गयी थी. महेश स्कूल नहीं जाना चाहता था. मगर पिता तैयार हो गए थे. आज वह महेश को स्कूल लेकर जाना चाहते थे. यह सुनकर महेश डर रहा था. मगर डरने से अब कुछ नहीं होगा. जब पिता कहते है. हमे साथ में स्कूल जाना है. तो महेश कहता है. मुझे आपको एक बात कहनी है. पिता कहते है. कोई बात नहीं है. पहले स्कूल चलते है. दोनों स्कूल जाने लगते है.
मगर कल तुम पढ़ रहे थे :-
उसके बाद महेश के पिता कहते है. मेने सब कुछ पता किया है. मुझे एक बात समझ आयी है. तुम्हे पढ़ना अच्छा नहीं लगता है. मगर कल तुम पढ़ रहे थे. महेश कहता है. में सब कुछ कहना चाहता था. मगर कभी डर की वजह से कह नहीं सकता था. पिता समझाते है. अगर तुम “शिक्षा” को पाते नहीं हो. तो तुम्हे नौकरी नहीं मिल सकती है. तुम्हे पता है. में नौकरी करता हु. अगर मेने “शिक्षा” को नहीं पाया होता.
Hindi stories for reading 2023, read hindi story 2023, तो आज कुछ भी नहीं कर सकता था. यह हमारे जीवन के लिए बहुत जरुरी होती है. महेश समझ रहा था. जब वह स्कूल पहुंच जाते है. टीचर उन्हें सब कुछ कहता है. उसके बाद महेश के पिता कहते है. मुझे तुम पर यकीन है. तुम आज के बाद अपनी “शिक्षा” पर ध्यान दे सकते हो. उस दिन के बाद महेश समझ गया था. जीवन में “शिक्षा” का बहुत ऊँचा स्थान होता है. इसलिए “शिक्षा” को ग्रहण जरूर करे.
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